Munawar Shayari
मुनव्वर राणा, उर्दू अदब की दुनिया में एक ऐसा नाम है जिसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं। इनकी शायरी दिलों को छू जाने वाली, भावनाओं को झकझोरने वाली और ज़िंदगी की सच्चाइयों को बयां करने वाली होती है। मुनव्वर राणा ने खासतौर पर “माँ” पर लिखी गई शायरी के लिए प्रसिद्धि पाई, लेकिन उनके अशआर मोहब्बत, तन्हाई, समाज और ज़िंदगी के हर पहलू को बड़ी संजीदगी से बयान करते हैं।
उनकी शायरी हर उम्र और हर दौर के इंसान के लिए एक आईना है। शब्दों की सादगी, भावनाओं की गहराई और अनुभव की सच्चाई, यही है मुनव्वर राणा की शायरी की पहचान।
10 बेहतरीन मुनव्वर शायरी | Best Munawar Shayari in Hindi

“चलो अब लौट चलें माँ बुलाती है,
ये शाम कह रही है घर चला जा।
बहुत थक गया हूँ दुनिया की भीड़ में,
अब माँ की गोद में सर रख सो जाना है।”
“हर एक मुस्कान के पीछे एक दर्द छुपा होता है,
जो दिखता नहीं मगर हर पल साथ होता है।
लोग कहते हैं खुश रहो ज़िंदगी में,
कोई ये नहीं पूछता किस हालात में।”
“कभी तो वक्त निकालो मोहब्बत की किताबों से,
हर बार ज़रूरी नहीं इश्क में गुनाह ही हो।
मिलना तो एक बहाना था,
वरना मोहब्बत तो निगाहों से ही हो जाती है।”

“कागज़ की ज़िंदगी थी, हवाओं ने उड़ा दिया,
जो ख्वाब थे आँखों में, जमाने ने मिटा दिया।
अब तो खुद से भी डर लगता है,
कहीं मैं भी ना बदल जाऊं हालात के साथ।”
“तेरी जुदाई का ग़म अब तक जिंदा है,
हर मोड़ पे तेरा चेहरा याद आता है।
खुश रहने की कोशिश तो करता हूँ,
मगर दिल को कौन समझाए कि तू नहीं है।”
“रिश्तों की कीमत वहाँ नहीं समझी जाती,
जहाँ मतलब ज़्यादा हो और एहसास कम।
मुनव्वर कहते हैं —
‘रिश्ता वही सच्चा होता है, जो दिल से जुड़ा होता है।'”
“यहाँ हर चेहरा नकाब में क्यों है,
हर आदमी दूसरे से खफा क्यों है।
मुनव्वर राणा कहते हैं –
‘सच बोलना यहां गुनाह बन गया है,
झूठ बोलो तो सब वाह-वाह करते हैं।'”

“जो सफर अधूरा हो उसे मुकाम मिलेगा,
जो थक कर बैठ गया उसे क्या इनाम मिलेगा।
मुनव्वर राणा का एक मशहूर शेर –
‘चलो चलें नए हौसलों के साथ,
कभी तो खुशियाँ भी दरवाज़े पर दस्तक देंगी।'”
“ज़िंदगी की किताब खुली तो पता चला,
हर पन्ना किसी दर्द की कहानी है।
मुनव्वर कहते हैं –
‘जो मुस्कुरा रहे हैं बाहर से,
अंदर से शायद सबसे ज़्यादा टूटे हैं।'”
“वक्त सब कुछ बदल देता है,
चेहरे, रिश्ते और नजरिए।
मुनव्वर राणा की कलम से –
‘जिसे हमने वक्त दिया,
वो हमें वक्त के साथ भूल गया।'”
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मुनव्वर राणा की शायरी की खासियत
1. भावनाओं की गहराई
मुनव्वर राणा की शायरी में जो बात सबसे अलग है, वो है भावनाओं की सच्चाई। चाहे वो माँ की ममता हो, बेटी का दर्द हो या महबूब से जुदाई, हर शेर में दिल को छू लेने वाली भावनाएं होती हैं।
2. सरल भाषा, गहरा असर
उनकी भाषा अत्यंत सरल होती है, लेकिन असर बहुत गहरा। मुनव्वर की शायरी आम आदमी की जुबान में है, यही वजह है कि हर कोई उनसे जुड़ाव महसूस करता है।
3. सामाजिक मुद्दों पर लेखनी
मुनव्वर राणा की शायरी सिर्फ मोहब्बत या दर्द तक सीमित नहीं है। उन्होंने समाज की सच्चाइयों, सांप्रदायिकता, इंसानियत और राजनीति पर भी बहुत ही प्रभावशाली शेर कहे हैं।
माँ की शायरी: मुनव्वर राणा की पहचान
मुनव्वर राणा को माँ के शायर के रूप में सबसे ज़्यादा पहचाना जाता है। उनकी माँ पर लिखी गई शायरी इतनी दिल को छू लेने वाली है कि हर पाठक उसकी गहराई को महसूस कर सकता है।
उदाहरण:
“मैं जब मर जाऊं तो मेरी अलग पहचान लिख देना,
खून से मेरी पेशानी पे ‘माँ’ लिख देना।”
मुनव्वर राणा के चर्चित शेर और किताबें
प्रसिद्ध किताबें:
- माँ
- बेदिल
- गुज़िश्ता मौसम
- पीपल की छांव
इन सभी किताबों में मुनव्वर राणा की शायरी का उत्कृष्ट संग्रह मिलता है।
मुनव्वर राणा की शायरी क्यों लोकप्रिय है?
- हर दिल की आवाज़ लगती है।
- किसी भी व्यक्ति के जीवन की झलक मिलती है।
- माँ की ममता को इस तरह बयां करना और किसी के लिए संभव नहीं।
- यथार्थवादी सोच और भावनात्मक जुड़ाव।
शायरी की दुनिया में योगदान
मुनव्वर राणा ने उर्दू शायरी को सामान्य जनमानस तक पहुँचाया। उनकी शायरी सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रही, बल्कि सोशल मीडिया, कवि सम्मेलन और साहित्यिक मंचों पर खूब पढ़ी और सराही गई।
Munawar Shayari सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड में है?
- इंस्टाग्राम रील्स, स्टेटस और शायरी पेजेस पर उनके शेर खूब शेयर किए जाते हैं।
- शायरी के इमोशनल और रियल टच ने युवाओं में भी उन्हें खासा लोकप्रिय बना दिया है।
निष्कर्ष (Conclusion)
मुनव्वर राणा की शायरी सिर्फ अल्फाज़ नहीं हैं, वो एहसास हैं। उनकी शायरी को पढ़कर कोई भी इंसान खुद को उनके शेरों में खोज सकता है। माँ, मोहब्बत, तन्हाई, समाज — हर विषय पर उन्होंने जो लिखा, वो ज़माने भर के लोगों की आवाज़ बन गया।
अगर आप भी शायरी के दीवाने हैं, तो मुनव्वर राणा की शायरी को पढ़ना आपकी आत्मा को सुकून देगा। उनकी शायरी में न केवल शब्द होते हैं, बल्कि जज़्बात, दर्द और उम्मीद की रोशनी भी होती है।
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